100+ Best Business Success Quotes in Hindi

व्यवसाय वो नाव है जो चलती रहे,
लहरों से डर कर रुक न जाए।
जो हिम्मत से आगे बढ़े,
वही मंजिल का रास्ता पाए।

 

धंधे की राहें कांटों भरी,
हर कदम पर इम्तिहान हो।
जो मेहनत से न डरे कभी,
वही सच्चा व्यापारी हो।

 

व्यवसाय वो खेल है जो सिखाए,
हार-जीत का सबक लाए।
जो धैर्य से इसे खेले,
वही सफलता का मोल पाए।

 

धंधे में जोखिम साथी है,
हर फैसला डर लाता है।
जो हौसले से कदम बढ़ाए,
वही बाजार को जीत पाए।

 

व्यवसाय वो बीज है जो बोया जाए,
पसीने से फसल लाए।
जो समय का मोल समझे,
वही धन का ढेर कमाए।

 

धंधे की चमक सोने सी लगे,
पर मेहनत का रंग छुपाए।
जो ईमान से काम करे,
वही व्यापार सजाए।

 

व्यवसाय वो दीया है जो जले,
तेल न हो तो बुझ भी जाए।
जो मेहनत से रोशन रखे,
वही सफलता का मोल लाए।

 

धंधे में विश्वास नींव है,
जो टूटे तो सब बिखर जाए।
जो भरोसा बनाए रखे,
वही बाजार में नाम कमाए।

 

व्यवसाय वो पहिया है जो घूमे,
रुक जाए तो पीछे छूटे।
जो गति को संभाल सके,
वही आगे की राह पाए।

 

धंधे की दुनिया माया है,
हर कदम पर जाल बिछाए।
जो सच को थाम कर चले,
वही व्यापार का सुख पाए।

 

व्यवसाय वो पंख है जो उड़ाए,
हवा तेज हो तो गिर भी जाए।
जो संतुलन बनाए रखे,
वही ऊंचाइयों को छू पाए।

 

धंधे में नफा-नुकसान साथी हैं,
हर दिन नया सबक लाते हैं।
जो सब्र से सीख ले जाए,
वही बाजार में जीत पाए।

 

व्यवसाय वो नदी है जो बहती जाए,
रास्ता खुद बनाती जाए।
जो बाधाओं से न डरे,
वही सफलता का किनारा पाए।

 

धंधे की चादर चमकीली हो,
पर मेहनत का सच छुपाए।
जो पसीने से रंग भरे,
वही व्यापार का नाम सजाए।

 

व्यवसाय वो शतरंज है,
हर चाल सोचकर चलनी पड़े।
जो दूर की सोच रखे,
वही मात से बचकर जीते।

 

धंधे में जोखिम साया है,
कभी पास, कभी दूर जाए।
जो डर को गले लगाए,
वही बाजार का मालिक बनाए।

 

व्यवसाय वो फल है जो पके,
मेहनत बिना न मिले कभी।
जो पेड़ को सींच सके,
वही मिठास का स्वाद ले।

 

धंधे की राह पर धूल उड़े,
हर कदम पर निशान पड़े।
जो पीछे न मुड़कर देखे,
वही सफलता का रास्ता ले।

 

व्यवसाय वो आग है जो जलाए,
संभालो तो रोशनी दे।
जो इसे काबू में रखे,
वही धन का ढेर सजे।

 

धंधे में ईमानदारी सोना है,
जो चमके पर बिके न कभी।
जो सच का साथ न छोड़े,
वही व्यापार में नाम करे।

 

व्यवसाय वो समंदर है,
लहरें ऊंची, गहराई बहुत।
जो तैरना सीख ले जाए,
वही किनारे का मोल पाए।

 

धंधे की दुनिया रंगीन लगे,
पर हर रंग में चाल छुपे।
जो सच को पहचान ले,
वही बाजार में जीत ले।

 

व्यवसाय वो पेड़ है जो बढ़े,
जड़ें मजबूत न हों तो गिरे।
जो नींव को संभाल सके,
वही फल का सुख पाए।

 

धंधे में समय की कीमत हो,
हर पल सोने से मोल हो।
जो वक्त को गंवाए न कभी,
वही व्यापार का राजा हो।

 

व्यवसाय वो बारिश है,
जो बरसे तो खेत लहलहाए।
जो बूंदों को संभाल ले,
वही सफलता का रंग सजाए।

 

धंधे की चमक चांद सी हो,
रात सजाए, दिन मिटाए।
जो हर मौसम समझ सके,
वही व्यापार का मोल लाए।

 

व्यवसाय वो सपना है,
जो मेहनत से सच बन जाए।
जो नींद से जाग सके,
वही धन का ढेर कमाए।

 

धंधे में हिम्मत साथी है,
हर मुश्किल को आसान करे।
जो डर को पीछे छोड़ दे,
वही बाजार में नाम धरे।

 

व्यवसाय वो तारा है,
जो चमके पर पास न आए।
जो मेहनत से छू ले जाए,
वही सफलता का रंग सजाए।

 

धंधे की राहें टेढ़ी हों,
हर मोड़ पर सवाल उठे।
जो जवाब ढूंढ ले आए,
वही व्यापार का सुख भरे।

 

व्यवसाय वो रथ है जो दौड़े,
लगाम न हो तो भटक जाए।
जो दिशा को थाम सके,
वही मंजिल तक ले जाए।

 

धंधे में नफा चमकता है,
नुकसान छाया बन जाता है।
जो दोनों को गले लगाए,
वही व्यापारी कहलाए।

 

व्यवसाय वो फूल है जो खिले,
कांटों में भी सुगंध दे।
जो मुश्किल से न डरे,
वही सफलता का मोल ले।

 

धंधे की ताकत हवा सी हो,
चले पर ठहर न पाए।
जो स्थिर मन से आगे बढ़े,
वही बाजार का मालिक बने।

 

व्यवसाय वो पहेली है,
सुलझे तो उलझन लाए।
जो धैर्य से इसे खोले,
वही धन का ढेर पाए।

 

धंधे में जोखिम साया बनकर,
हर कदम पर साथ चले।
जो हौसले से मुकाबला करे,
वही बाजार में नाम धरे।

 

व्यवसाय वो सूरज है,
जो चमके पर ढल भी जाए।
जो रात का मोल समझे,
वही व्यापार का सुख पाए।

 

धंधे की चादर लंबी हो,
पर मेहनत का सच छुपाए।
जो पसीने से रंग भरे,
वही सफलता का नाम सजाए।

 

व्यवसाय वो नक्शा है,
रास्ता दिखाए पर ले न जाए।
जो खुद की राह बनाए,
वही मंजिल तक पहुंचाए।

 

धंधे में ईमान नींव है,
जो टूटे तो सब ढह जाए।
जो सच को थाम कर चले,
वही व्यापार में नाम कमाए।

 

व्यवसाय वो समंदर है गहरा,
जिसमें मोती छुपा हो।
जो गोता लगाकर ले आए,
वही सफलता का मोल पाए।

 

धंधे की दुनिया शोर भरी,
हर आवाज में चाल छुपी।
जो मौन से सुन सके,
वही बाजार को जीत ले।

 

व्यवसाय वो पंछी है,
उड़े पर पकड़ में न आए।
जो मेहनत से पास बुलाए,
वही सुख का रंग सजाए।

 

धंधे में समय की धार है,
जो काटे तो घाव दे जाए।
जो वक्त को संभाल ले,
वही व्यापार का मोल पाए।

 

व्यवसाय वो तालाब है,
जो भरे पर सूख भी जाए।
जो पानी को रोक सके,
वही सफलता का रंग लाए।

 

धंधे की चमक हीरे सी,
चमके पर टूट भी जाए।
जो मजबूती चुन ले मन में,
वही व्यापार का सुख पाए।

 

व्यवसाय वो राह है जो लंबी हो,
हर कदम पर थकान दे।
जो हिम्मत से चल सके,
वही मंजिल को गले लगे।

 

धंधे में जोखिम बादल सा,
गरजे पर बरसे न कभी।
जो इंतजार न करे उसका,
वही बाजार में नाम धरे।

 

व्यवसाय वो फसल है,
जो मेहनत से लहलहाए।
जो पसीना बहाकर ले आए,
वही धन का ढेर सजाए।

 

धंधे की ताकत पानी सी,
बह जाए तो रोक न पाए।
जो बांध बनाकर रख सके,
वही सफलता का रंग लाए।

 

व्यवसाय वो सपना है जो सजे,
मेहनत बिना टूट भी जाए।
जो सच को थाम कर चले,
वही व्यापार का सुख पाए।

 

धंधे में विश्वास साया है,
जो ढले तो अंधेरा हो।
जो भरोसा बनाए रखे,
वही बाजार का दीया हो।

 

व्यवसाय वो चाबी है,
जो ताले खोले पर माने न सब।
जो सही ताला चुन सके,
वही सफलता का मोल लाए।

 

धंधे की राह पर रेत बिछे,
हर कदम फिसलन लाए।
जो स्थिरता चुन ले मन में,
वही व्यापार का सुख पाए।

 

व्यवसाय वो तारा है जो चमके,
दूर से लुभाए, पास न आए।
जो मेहनत से छू ले जाए,
वही धन का ढेर सजाए।

 

धंधे में नफा फूल सा खिले,
नुकसान कांटा बन चुभे।
जो दोनों को गले लगाए,
वही व्यापारी कहलाए।

 

व्यवसाय वो सेतु है जो जोड़े,
टूटने का डर सताए।
जो मजबूत नींव बनाए,
वही बाजार तक पहुंचाए।

 

धंधे की चमक चांदनी सी,
रात सजाए, दिन मिटाए।
जो हर पल को समझ सके,
वही व्यापार का सुख लाए।

 

व्यवसाय वो पहिया है जो घूमे,
रुक जाए तो पीछे छूटे।
जो गति को संभाल सके,
वही सफलता का मोल लाए।

 

धंधे में जोखिम साया बनकर,
हर कदम पर साथ चले।
जो हौसले से मुकाबला करे,
वही बाजार में नाम धरे।

 

व्यवसाय वो बारिश है जो बरसे,
खेत भिगोए, सूखा भी लाए।
जो बूंदों को संभाल ले,
वही धन का रंग सजाए।

 

धंधे की राहें ऊंची हों,
हर चढ़ाई पर डर सताए।
जो हिम्मत से पार करे,
वही सफलता को गले लगाए।

 

व्यवसाय वो गीत है जो बजे,
हर सुर में सबक छुपे।
जो ताल को समझ सके,
वही व्यापार का सुख ले।

 

धंधे में ईमानदारी नींव है,
जो हिले तो सब ढह जाए।
जो सच का साथ न छोड़े,
वही बाजार में नाम कमाए।

 

व्यवसाय वो समंदर है गहरा,
लहरें ऊंची, रास्ता न दिखे।
जो तैरना सीख ले जाए,
वही सफलता का किनारा ले।

 

धंधे की दुनिया शोर भरी,
हर शब्द में चाल छुपी।
जो मौन से सुन सके,
वही बाजार को जीत ले।

 

व्यवसाय वो पंछी है जो उड़े,
पकड़ में न आए कभी।
जो मेहनत से पास बुलाए,
वही सुख का रंग सजाए।

 

धंधे में समय की कीमत हो,
हर पल सोने से मोल हो।
जो वक्त को गंवाए न कभी,
वही व्यापार का राजा हो।

 

व्यवसाय वो तालाब है जो भरे,
सूख जाए तो खाली हो।
जो पानी को संभाल ले,
वही सफलता का रंग लाए।

 

धंधे की चमक हीरे सी हो,
चमके पर टूट भी जाए।
जो मजबूती चुन ले मन में,
वही व्यापार का सुख पाए।

 

व्यवसाय वो राह है जो लंबी हो,
हर कदम पर थकान दे।
जो हिम्मत से चल सके,
वही मंजिल को गले लगे।

 

धंधे में जोखिम बादल सा,
गरजे पर बरसे न कभी।
जो इंतजार न करे उसका,
वही बाजार में नाम धरे।

 

व्यवसाय वो फसल है जो लहलहाए,
मेहनत बिना न आए।
जो पसीना बहाकर ले आए,
वही धन का ढेर सजाए।

 

धंधे की ताकत पानी सी,
बह जाए तो रोक न पाए।
जो बांध बनाकर रख सके,
वही सफलता का रंग लाए।

 

व्यवसाय वो सपना है जो सजे,
मेहनत बिना टूट भी जाए।
जो सच को थाम कर चले,
वही व्यापार का सुख पाए।

 

धंधे में विश्वास साया है,
ढले तो अंधेरा हो जाए।
जो भरोसा बनाए रखे,
वही बाजार का दीया जलाए।

 

व्यवसाय वो चाबी है जो खोले,
हर ताला न माने इसे।
जो सही ताला चुन सके,
वही सफलता का मोल ले।

 

धंधे की राह पर रेत बिछे,
हर कदम फिसलन लाए।
जो स्थिरता चुन ले मन में,
वही व्यापार का सुख पाए।

 

व्यवसाय वो तारा है जो चमके,
दूर से लुभाए, पास न आए।
जो मेहनत से छू ले जाए,
वही धन का ढेर सजाए।

 

धंधे में नफा फूल सा खिले,
नुकसान कांटा बन चुभे।
जो दोनों को गले लगाए,
वही व्यापारी कहलाए।

 

व्यवसाय वो सेतु है जो जोड़े,
टूटने का डर सताए।
जो मजबूत नींव बनाए,
वही बाजार तक पहुंचाए।

 

धंधे की चमक चांदनी सी,
रात सजाए, दिन मिटाए।
जो हर पल को समझ सके,
वही व्यापार का सुख लाए।

 

व्यवसाय वो पहिया है जो घूमे,
रुक जाए तो पीछे छूटे।
जो गति को संभाल सके,
वही सफलता का मोल लाए।

 

धंधे में जोखिम साया बनकर,
हर कदम पर साथ चले।
जो हौसले से मुकाबला करे,
वही बाजार में नाम धरे।

 

व्यवसाय वो बारिश है जो बरसे,
खेत भिगोए, सूखा भी लाए।
जो बूंदों को संभाल ले,
वही धन का रंग सजाए।

 

धंधे की राहें ऊंची हों,
हर चढ़ाई पर डर सताए।
जो हिम्मत से पार करे,
वही सफलता को गले लगाए।

 

व्यवसाय वो गीत है जो बजे,
हर सुर में सबक छुपे।
जो ताल को समझ सके,
वही व्यापार का सुख ले।

 

धंधे में ईमानदारी नींव है,
हिले तो सब ढह जाए।
जो सच का साथ न छोड़े,
वही बाजार में नाम कमाए।

 

व्यवसाय वो समंदर है गहरा,
लहरें ऊंची, रास्ता न दिखे।
जो तैरना सीख ले जाए,
वही सफलता का किनारा ले।

 

धंधे की दुनिया शोर भरी,
हर शब्द में चाल छुपी।
जो मौन से सुन सके,
वही बाजार को जीत ले।

 

व्यवसाय वो पंछी है जो उड़े,
पकड़ में न आए कभी।
जो मेहनत से पास बुलाए,
वही सुख का रंग सजाए।

 

धंधे में समय की कीमत हो,
हर पल सोने से मोल हो।
जो वक्त को गंवाए न कभी,
वही व्यापार का राजा हो।

 

व्यवसाय वो तालाब है जो भरे,
सूख जाए तो खाली हो।
जो पानी को संभाल ले,
वही सफलता का रंग लाए।

 

धंधे की चमक हीरे सी हो,
चमके पर टूट भी जाए।
जो मजबूती चुन ले मन में,
वही व्यापार का सुख पाए।

 

व्यवसाय वो राह है जो लंबी हो,
हर कदम पर थकान दे।
जो हिम्मत से चल सके,
वही मंजिल को गले लगे।

 

धंधे में जोखिम बादल सा,
गरजे पर बरसे न कभी।
जो इंतजार न करे उसका,
वही बाजार में नाम धरे।

 

व्यवसाय वो फसल है जो लहलहाए,
मेहनत बिना न आए।
जो पसीना बहाकर ले आए,
वही धन का ढेर सजाए।

 

धंधे की ताकत पानी सी,
बह जाए तो रोक न पाए।
जो बांध बनाकर रख सके,
वही सफलता का रंग लाए।

 

व्यवसाय वो सपना है जो सजे,
मेहनत बिना टूट भी जाए।
जो सच को थाम कर चले,
वही व्यापार का सुख पाए।

 

धंधे में विश्वास साया है,
ढले तो अंधेरा हो जाए।
जो भरोसा बनाए रखे,
वही बाजार का दीया जलाए।

 

व्यवसाय वो चाबी है जो खोले,
हर ताला न माने इसे।
जो सही ताला चुन सके,
वही सफलता का मोल ले।

 

धंधे की राह पर रेत बिछे,
हर कदम फिसलन लाए।
जो स्थिरता चुन ले मन में,
वही व्यापार का सुख पाए।

 

व्यवसाय वो तारा है जो चमके,
दूर से लुभाए, पास न आए।
जो मेहनत से छू ले जाए,
वही धन का ढेर सजाए।

 

धंधे में नफा फूल सा खिले,
नुकसान कांटा बन चुभे।
जो दोनों को गले लगाए,
वही व्यापारी कहलाए।

 

व्यवसाय वो सेतु है जो जोड़े,
टूटने का डर सताए।
जो मजबूत नींव बनाए,
वही बाजार तक पहुंचाए।

Leave a Comment