100+ Best Leadership Quotes in Hindi

  1. नेतृत्व वो दीया है,जो अंधेरे में रास्ता दिखाए।जो हिम्मत से जलता जाए,वही सुख का मोल लाए।


  2. नेतृत्व की राह कठिन,हर कदम पर जिम्मेदारी मांगे।जो संयम से आगे बढ़े,वही सम्मान का ढेर पाए।


  3. नेतृत्व वो नदी है,जो बहती जाए, रास्ता बनाए।जो दिशा को संभाल सके,वही सुख का मोल सजाए।


  4. नेतृत्व में हिम्मत सोना,जो चमके पर बिके न कभी।जो डर को पीछे छोड़ दे,वही सम्मान का मोल ले।


  5. नेतृत्व वो पंख है,जो सबको ऊंचाई दिलाए।जो संतुलन बनाए रखे,वही सुख का रंग सजाए।


  6. नेतृत्व की कला है,सपनों को सच में ढालना।जो मेहनत से आगे बढ़े,वही सम्मान का ढेर कमाए।


  7. नेतृत्व वो सेतु है,जो दिलों को जोड़े, राह बनाए।जो मजबूत नींव रखे,वही सुख का मोल पाए।


  8. नेतृत्व में जोखिम साथी,कभी हंसे, कभी रुलाए।जो हौसले से आगे बढ़े,वही सम्मान का रास्ता पाए।


  9. नेतृत्व वो शतरंज है,हर चाल सोचकर चलनी पड़े।जो दूर की सोच रखे,वही सुख का मोल ले।


  10. नेतृत्व की राह लंबी,हर कदम पर सबक दे।जो धैर्य से चल सके,वही सम्मान का ढेर सजे।


  11. नेतृत्व वो फूल है,जो मुश्किल में भी खिलता जाए।जो साहस से संभाल ले,वही सुख का रंग लाए।


  12. नेतृत्व में समय अनमोल,हर पल सही फैसला मांगे।जो वक्त को थाम सके,वही सम्मान का राजा बने।


  13. नेतृत्व वो समंदर है,जो गहराई में मोती छुपाए।जो गोता लगाकर ले आए,वही सुख का ढेर सजाए।


  14. नेतृत्व की नींव विश्वास,जो टूटे तो सब बिखर जाए।जो भरोसा बनाए रखे,वही सम्मान का मोल लाए।


  15. नेतृत्व वो बारिश है,जो सूखे में राहत लाए।जो सबको साथ ले चले,वही सुख का रंग सजाए।


  16. नेतृत्व में जोखिम साया,कभी पास, कभी दूर जाए।जो डर को गले लगाए,वही सम्मान का मोल पाए।


  17. नेतृत्व वो चाबी है,जो रास्ते के ताले खोले।जो सही जगह लगाए,वही सुख का ढेर लाए।


  18. नेतृत्व की कला सीखो,हर कदम पर साथ निभाओ।जो सबको जोड़कर चले,वही सम्मान का मोल सजाए।


  19. नेतृत्व वो पेड़ है,जो छाया दे, फल भी लाए।जो जड़ों को संभाल ले,वही सुख का मोल पाए।


  20. नेतृत्व में संयम सोना,जो चमके पर बिके न कभी।जो धैर्य से चल सके,वही सम्मान का मोल ले।


  21. नेतृत्व वो तारा है,जो अंधेरे में चमकता जाए।जो रास्ता दिखा सके,वही सुख का ढेर सजाए।


  22. नेतृत्व की राह सपना,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो मेहनत से आगे बढ़े,वही सम्मान का मोल लाए।


  23. नेतृत्व वो रथ है,जो सबको साथ ले जाए।जो दिशा को थाम सके,वही मंजिल तक ले जाए।


  24. नेतृत्व में फल पके,जो मेहनत से मिलता जाए।जो साथियों को बांट सके,वही सुख का स्वाद लाए।


  25. नेतृत्व वो पहेली है,जो समझ से सुलझती जाए।जो धैर्य से इसे खोले,वही सम्मान का मोल पाए।


  26. नेतृत्व में जोखिम पंछी,उड़े पर पकड़ में न आए।जो हिम्मत से पास बुलाए,वही सुख का रंग सजाए।


  27. नेतृत्व वो चमक है,जो हिम्मत से लुभाती जाए।जो सबको रोशनी दे,वही सम्मान का ढेर सजाए।


  28. नेतृत्व की राह नदी,उफनाए तो किनारा न दे।जो दिशा को संभाल सके,वही सुख का मोल ले।


  29. नेतृत्व वो तालाब है,जो सबको पानी पिलाए।जो संतुलन से भर सके,वही सम्मान का ढेर सजाए।


  30. नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो नींद से जाग सके,वही सुख का मोल कमाए।


  31. नेतृत्व की राह टेढ़ी,हर मोड़ पर सवाल उठे।जो जवाब ढूंढ ले आए,वही सम्मान का ढेर भरे।


  32. नेतृत्व वो चांदनी,जो अंधेरे में रास्ता सजाए।जो हर पल को समझ सके,वही सुख का मोल लाए।


  33. नेतृत्व में बीज बोया,जो मेहनत से फल लाए।जो धैर्य से सींच सके,वही सम्मान का ढेर पाए।


  34. नेतृत्व वो जोखिम साथी,कभी हंसे, कभी रुलाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सुख का रास्ता पाए।


  35. नेतृत्व में सेतु जोड़े,सपनों को सच से मिलाए।जो मजबूत नींव बनाए,वही सम्मान का मोल पाए।


  36. नेतृत्व वो पानी है,जो प्यासों को राहत दे।जो सबको साथ ले चले,वही सुख का रंग लाए।


  37. नेतृत्व में बारिश बरसे,जो सूखे को हरियाली दे।जो बूंदों को संभाल ले,वही सम्मान का ढेर सजाए।


  38. नेतृत्व वो चाबी है,जो मुश्किल के ताले खोले।जो सही जगह लगाए,वही सुख का मोल ले।


  39. नेतृत्व में फूल खिले,जो हिम्मत से सुगंध लाए।जो साहस से संभाल ले,वही सुख का रंग सजाए।


  40. नेतृत्व वो पेड़ है,जो सबको छाया दे जाए।जो जड़ों को संभाल ले,वही सम्मान का मोल ले।


  41. नेतृत्व में साया चले,जो हिम्मत से धूप सजाए।जो अपने बल से चल सके,वही सम्मान का ढेर लो।


  42. नेतृत्व वो तारा है,जो रात में चमकता जाए।जो रास्ता दिखा सके,वही सुख का ढेर सजाए।


  43. नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सम्मान का मोल लाए।


  44. नेतृत्व वो रथ है,जो सबको साथ ले जाए।जो दिशा को थाम सके,वही मंजिल तक ले जाए।


  45. नेतृत्व में फल पके,जो मेहनत से मिलता जाए।जो साथियों को बांट सके,वही सुख का स्वाद लाए।


  46. नेतृत्व वो पहेली है,जो समझ से सुलझती जाए।जो धैर्य से इसे खोले,वही सम्मान का मोल पाए।


  47. नेतृत्व में जोखिम पंछी,उड़े पर पकड़ में न आए।जो हिम्मत से पास बुलाए,वही सुख का रंग सजाए।


  48. नेतृत्व वो चमक है,जो हिम्मत से लुभाती जाए।जो सबको रोशनी दे,वही सम्मान का ढेर सजाए।


  49. नेतृत्व की राह नदी,उफनाए तो किनारा न दे।जो दिशा को संभाल सके,वही सुख का मोल ले।


  50. नेतृत्व वो तालाब है,जो सबको पानी पिलाए।जो संतुलन से भर सके,वही सम्मान का ढेर सजाए।


  51. नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो नींद से जाग सके,वही सम्मान का मोल कमाए।


  52. नेतृत्व की राह टेढ़ी,हर मोड़ पर सवाल उठे।जो जवाब ढूंढ ले आए,वही सुख का ढेर भरे।


  53. नेतृत्व वो चांदनी,जो अंधेरे में रास्ता सजाए।जो हर पल को समझ सके,वही सम्मान का मोल लाए।


  54. नेतृत्व में बीज बोया,जो मेहनत से फल लाए।जो धैर्य से सींच सके,वही सम्मान का ढेर पाए।


  55. नेतृत्व वो जोखिम साथी,कभी हंसे, कभी रुलाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सुख का रास्ता पाए।


  56. नेतृत्व में सेतु जोड़े,सपनों को सच से मिलाए।जो मजबूत नींव बनाए,वही सम्मान का मोल पाए।


  57. नेतृत्व वो पानी है,जो प्यासों को राहत दे।जो सबको साथ ले चले,वही सुख का रंग लाए।


  58. नेतृत्व में बारिश बरसे,जो सूखे को हरियाली दे।जो बूंदों को संभाल ले,वही सम्मान का ढेर सजाए।


  59. नेतृत्व वो चाबी है,जो मुश्किल के ताले खोले।जो सही जगह लगाए,वही सुख का मोल ले।


  60. नेतृत्व में फूल खिले,जो हिम्मत से सुगंध लाए।जो साहस से संभाल ले,वही सुख का रंग सजाए।


  61. नेतृत्व वो पेड़ है,जो सबको छाया दे जाए।जो जड़ों को सं�ाल ले,वही सम्मान का मोल ले।


  62. नेतृत्व में साया चले,जो हिम्मत से धूप सजाए।जो अपने बल से चल सके,वही सम्मान का ढेर लो।


  63. नेतृत्व वो तारा है,जो रात में चमकता जाए।जो रास्ता दिखा सके,वही सुख का ढेर सजाए।


  64. नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सम्मान का मोल लाए।


  65. नेतृत्व वो रथ है,जो सबको साथ ले जाए।जो दिशा को थाम सके,वही मंजिल तक ले जाए।


  66. नेतृत्व में फल पके,जो मेहनत से मिलता जाए।जो साथियों को बांट सके,वही सुख का स्वाद लाए।


  67. नेतृत्व वो पहेली है,जो समझ से सुलझती जाए।जो धैर्य से इसे खोले,वही सम्मान का मोल पाए।


  68. नेतृत्व में जोखिम पंछी,उड़े पर पकड़ में न आए।जो हिम्मत से पास बुलाए,वही सुख का रंग सजाए।


  69. नेतृत्व वो चमक है,जो हिम्मत से लुभाती जाए।जो सबको रोशनी दे,वही सम्मान का ढेर सजाए।


  70. नेतृत्व की राह नदी,उफनाए तो किनारा न दे।जो दिशा को संभाल सके,वही सुख का मोल ले।


  71. नेतृत्व वो तालाब है,जो सबको पानी पिलाए।जो संतुलन से भर सके,वही सम्मान का ढेर सजाए।


  72. नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो नींद से जाग सके,वही सम्मान का मोल कमाए।


  73. नेतृत्व की राह टेढ़ी,हर मोड़ पर सवाल उठे।जो जवाब ढूंढ ले आए,वही सुख का ढेर भरे।


  74. नेतृत्व वो चांदनी,जो अंधेरे में रास्ता सजाए।जो हर पल को समझ सके,वही सम्मान का मोल लाए।


  75. नेतृत्व में बीज बोया,जो मेहनत से फल लाए।जो धैर्य से सींच सके,वही सम्मान का ढेर पाए।


  76. नेतृत्व वो जोखिम साथी,कभी हंसे, कभी रुलाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सुख का रास्ता पाए।


  77. नेतृत्व में सेतु जोड़े,सपनों को सच से मिलाए।जो मजबूत नींव बनाए,वही सम्मान का मोल पाए।


  78. नेतृत्व वो पानी है,जो प्यासों को राहत दे।जो सबको साथ ले चले,वही सुख का रंग लाए।


  79. नेतृत्व में बारिश बरसे,जो सूखे को हरियाली दे।जो बूंदों को संभाल ले,वही सम्मान का ढेर सजाए।


  80. नेतृत्व वो चाबी है,जो मुश्किल के ताले खोले।जो सही जगह लगाए,वही सुख का मोल ले।


  81. नेतृत्व में फूल खिले,जो हिम्मत से सुगंध लाए।जो साहस से संभाल ले,वही सुख का रंग सजाए।


  82. नेतृत्व वो पेड़ है,जो सबको छाया दे जाए।जो जड़ों को संभाल ले,वही सम्मान का मोल ले।


  83. नेतृत्व में साया चले,जो हिम्मत से धूप सजाए।जो अपने बल से चल सके,वही सम्मान का ढेर लो।


  84. नेतृत्व वो तारा है,जो रात में चमकता जाए।जो रास्ता दिखा सके,वही सुख का ढेर सजाए।


  85. नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सम्मान का मोल लाए।


  86. नेतृत्व वो रथ है,जो सबको साथ ले जाए।जो दिशा को थाम सके,वही मंजिल तक ले जाए।


  87. नेतृत्व में फल पके,जो मेहनत से मिलता जाए।जो साथियों को बांट सके,वही सुख का स्वाद लाए।


  88. नेतृत्व वो पहेली है,जो समझ से सुलझती जाए।जो धैर्य से इसे खोले,वही सम्मान का मोल पाए।


  89. नेतृत्व में जोखिम पंछी,उड़े पर पकड़ में न आए।जो हिम्मत से पास बुलाए,वही सुख का रंग सजाए।


  90. नेतृत्व वो चमक है,जो हिम्मत से लुभाती जाए।जो सबको रोशनी दे,वही सम्मान का ढेर सजाए।


  91. नेतृत्व की राह नदी,उफनाए तो किनारा न दे।जो दिशा को संभाल सके,वही सुख का मोल ले।


  92. नेतृत्व वो तालाब है,जो सबको पानी पिलाए।जो संतुलन से भर सके,वही सम्मान का ढेर सजाए।


  93. नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो नींद से जाग सके,वही सम्मान का मोल कमाए।


  94. नेतृत्व की राह टेढ़ी,हर मोड़ पर सवाल उठे।जो जवाब ढूंढ ले आए,वही सुख का ढेर भरे।


  95. नेतृत्व वो चांदनी,जो अंधेरे में रास्ता सजाए।जो हर पल को समझ सके,वही सम्मान का मोल लाए।


  96. नेतृत्व में बीज बोया,जो मेहनत से फल लाए।जो धैर्य से सींच सके,वही सम्मान का ढेर पाए।


  97. नेतृत्व वो जोखिम साथी,कभी हंसे, कभी रुलाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सुख का रास्ता पाए।


  98. नेतृत्व में सेतु जोड़े,सपनों को सच से मिलाए।जो मजबूत नींव बनाए,वही सम्मान का मोल पाए।


  99. नेतृत्व वो पानी है,जो प्यासों को राहत दे।जो सबको साथ ले चले,वही सुख का रंग लाए।


  100. नेतृत्व में बारिश बरसे,जो सूखे को हरियाली दे।जो बूंदों को संभाल ले,वही सम्मान का ढेर सजाए।


  101. नेतृत्व वो चाबी है,जो मुश्किल के ताले खोले।जो सही जगह लगाए,वही सुख का मोल ले।


  102. नेतृत्व में फूल खिले,जो हिम्मत से सुगंध लाए।जो साहस से संभाल ले,वही सुख का रंग सजाए।


  103. नेतृत्व वो पेड़ है,जो सबको छाया दे जाए।जो जड़ों को संभाल ले,वही सम्मान का मोल ले।


  104. नेतृत्व में साया चले,जो हिम्मत से धूप सजाए।जो अपने बल से चल सके,वही सम्मान का ढेर लो।


  105. नेतृत्व वो तारा है,जो रात में चमकता जाए।जो रास्ता दिखा सके,वही सुख का ढेर सजाए।


Leave a Comment