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नेतृत्व वो दीया है,जो अंधेरे में रास्ता दिखाए।जो हिम्मत से जलता जाए,वही सुख का मोल लाए।
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नेतृत्व की राह कठिन,हर कदम पर जिम्मेदारी मांगे।जो संयम से आगे बढ़े,वही सम्मान का ढेर पाए।
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नेतृत्व वो नदी है,जो बहती जाए, रास्ता बनाए।जो दिशा को संभाल सके,वही सुख का मोल सजाए।
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नेतृत्व में हिम्मत सोना,जो चमके पर बिके न कभी।जो डर को पीछे छोड़ दे,वही सम्मान का मोल ले।
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नेतृत्व वो पंख है,जो सबको ऊंचाई दिलाए।जो संतुलन बनाए रखे,वही सुख का रंग सजाए।
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नेतृत्व की कला है,सपनों को सच में ढालना।जो मेहनत से आगे बढ़े,वही सम्मान का ढेर कमाए।
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नेतृत्व वो सेतु है,जो दिलों को जोड़े, राह बनाए।जो मजबूत नींव रखे,वही सुख का मोल पाए।
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नेतृत्व में जोखिम साथी,कभी हंसे, कभी रुलाए।जो हौसले से आगे बढ़े,वही सम्मान का रास्ता पाए।
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नेतृत्व वो शतरंज है,हर चाल सोचकर चलनी पड़े।जो दूर की सोच रखे,वही सुख का मोल ले।
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नेतृत्व की राह लंबी,हर कदम पर सबक दे।जो धैर्य से चल सके,वही सम्मान का ढेर सजे।
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नेतृत्व वो फूल है,जो मुश्किल में भी खिलता जाए।जो साहस से संभाल ले,वही सुख का रंग लाए।
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नेतृत्व में समय अनमोल,हर पल सही फैसला मांगे।जो वक्त को थाम सके,वही सम्मान का राजा बने।
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नेतृत्व वो समंदर है,जो गहराई में मोती छुपाए।जो गोता लगाकर ले आए,वही सुख का ढेर सजाए।
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नेतृत्व की नींव विश्वास,जो टूटे तो सब बिखर जाए।जो भरोसा बनाए रखे,वही सम्मान का मोल लाए।
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नेतृत्व वो बारिश है,जो सूखे में राहत लाए।जो सबको साथ ले चले,वही सुख का रंग सजाए।
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नेतृत्व में जोखिम साया,कभी पास, कभी दूर जाए।जो डर को गले लगाए,वही सम्मान का मोल पाए।
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नेतृत्व वो चाबी है,जो रास्ते के ताले खोले।जो सही जगह लगाए,वही सुख का ढेर लाए।
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नेतृत्व की कला सीखो,हर कदम पर साथ निभाओ।जो सबको जोड़कर चले,वही सम्मान का मोल सजाए।
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नेतृत्व वो पेड़ है,जो छाया दे, फल भी लाए।जो जड़ों को संभाल ले,वही सुख का मोल पाए।
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नेतृत्व में संयम सोना,जो चमके पर बिके न कभी।जो धैर्य से चल सके,वही सम्मान का मोल ले।
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नेतृत्व वो तारा है,जो अंधेरे में चमकता जाए।जो रास्ता दिखा सके,वही सुख का ढेर सजाए।
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नेतृत्व की राह सपना,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो मेहनत से आगे बढ़े,वही सम्मान का मोल लाए।
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नेतृत्व वो रथ है,जो सबको साथ ले जाए।जो दिशा को थाम सके,वही मंजिल तक ले जाए।
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नेतृत्व में फल पके,जो मेहनत से मिलता जाए।जो साथियों को बांट सके,वही सुख का स्वाद लाए।
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नेतृत्व वो पहेली है,जो समझ से सुलझती जाए।जो धैर्य से इसे खोले,वही सम्मान का मोल पाए।
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नेतृत्व में जोखिम पंछी,उड़े पर पकड़ में न आए।जो हिम्मत से पास बुलाए,वही सुख का रंग सजाए।
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नेतृत्व वो चमक है,जो हिम्मत से लुभाती जाए।जो सबको रोशनी दे,वही सम्मान का ढेर सजाए।
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नेतृत्व की राह नदी,उफनाए तो किनारा न दे।जो दिशा को संभाल सके,वही सुख का मोल ले।
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नेतृत्व वो तालाब है,जो सबको पानी पिलाए।जो संतुलन से भर सके,वही सम्मान का ढेर सजाए।
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नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो नींद से जाग सके,वही सुख का मोल कमाए।
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नेतृत्व की राह टेढ़ी,हर मोड़ पर सवाल उठे।जो जवाब ढूंढ ले आए,वही सम्मान का ढेर भरे।
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नेतृत्व वो चांदनी,जो अंधेरे में रास्ता सजाए।जो हर पल को समझ सके,वही सुख का मोल लाए।
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नेतृत्व में बीज बोया,जो मेहनत से फल लाए।जो धैर्य से सींच सके,वही सम्मान का ढेर पाए।
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नेतृत्व वो जोखिम साथी,कभी हंसे, कभी रुलाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सुख का रास्ता पाए।
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नेतृत्व में सेतु जोड़े,सपनों को सच से मिलाए।जो मजबूत नींव बनाए,वही सम्मान का मोल पाए।
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नेतृत्व वो पानी है,जो प्यासों को राहत दे।जो सबको साथ ले चले,वही सुख का रंग लाए।
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नेतृत्व में बारिश बरसे,जो सूखे को हरियाली दे।जो बूंदों को संभाल ले,वही सम्मान का ढेर सजाए।
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नेतृत्व वो चाबी है,जो मुश्किल के ताले खोले।जो सही जगह लगाए,वही सुख का मोल ले।
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नेतृत्व में फूल खिले,जो हिम्मत से सुगंध लाए।जो साहस से संभाल ले,वही सुख का रंग सजाए।
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नेतृत्व वो पेड़ है,जो सबको छाया दे जाए।जो जड़ों को संभाल ले,वही सम्मान का मोल ले।
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नेतृत्व में साया चले,जो हिम्मत से धूप सजाए।जो अपने बल से चल सके,वही सम्मान का ढेर लो।
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नेतृत्व वो तारा है,जो रात में चमकता जाए।जो रास्ता दिखा सके,वही सुख का ढेर सजाए।
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नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सम्मान का मोल लाए।
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नेतृत्व वो रथ है,जो सबको साथ ले जाए।जो दिशा को थाम सके,वही मंजिल तक ले जाए।
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नेतृत्व में फल पके,जो मेहनत से मिलता जाए।जो साथियों को बांट सके,वही सुख का स्वाद लाए।
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नेतृत्व वो पहेली है,जो समझ से सुलझती जाए।जो धैर्य से इसे खोले,वही सम्मान का मोल पाए।
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नेतृत्व में जोखिम पंछी,उड़े पर पकड़ में न आए।जो हिम्मत से पास बुलाए,वही सुख का रंग सजाए।
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नेतृत्व वो चमक है,जो हिम्मत से लुभाती जाए।जो सबको रोशनी दे,वही सम्मान का ढेर सजाए।
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नेतृत्व की राह नदी,उफनाए तो किनारा न दे।जो दिशा को संभाल सके,वही सुख का मोल ले।
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नेतृत्व वो तालाब है,जो सबको पानी पिलाए।जो संतुलन से भर सके,वही सम्मान का ढेर सजाए।
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नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो नींद से जाग सके,वही सम्मान का मोल कमाए।
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नेतृत्व की राह टेढ़ी,हर मोड़ पर सवाल उठे।जो जवाब ढूंढ ले आए,वही सुख का ढेर भरे।
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नेतृत्व वो चांदनी,जो अंधेरे में रास्ता सजाए।जो हर पल को समझ सके,वही सम्मान का मोल लाए।
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नेतृत्व में बीज बोया,जो मेहनत से फल लाए।जो धैर्य से सींच सके,वही सम्मान का ढेर पाए।
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नेतृत्व वो जोखिम साथी,कभी हंसे, कभी रुलाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सुख का रास्ता पाए।
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नेतृत्व में सेतु जोड़े,सपनों को सच से मिलाए।जो मजबूत नींव बनाए,वही सम्मान का मोल पाए।
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नेतृत्व वो पानी है,जो प्यासों को राहत दे।जो सबको साथ ले चले,वही सुख का रंग लाए।
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नेतृत्व में बारिश बरसे,जो सूखे को हरियाली दे।जो बूंदों को संभाल ले,वही सम्मान का ढेर सजाए।
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नेतृत्व वो चाबी है,जो मुश्किल के ताले खोले।जो सही जगह लगाए,वही सुख का मोल ले।
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नेतृत्व में फूल खिले,जो हिम्मत से सुगंध लाए।जो साहस से संभाल ले,वही सुख का रंग सजाए।
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नेतृत्व वो पेड़ है,जो सबको छाया दे जाए।जो जड़ों को सं�ाल ले,वही सम्मान का मोल ले।
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नेतृत्व में साया चले,जो हिम्मत से धूप सजाए।जो अपने बल से चल सके,वही सम्मान का ढेर लो।
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नेतृत्व वो तारा है,जो रात में चमकता जाए।जो रास्ता दिखा सके,वही सुख का ढेर सजाए।
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नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सम्मान का मोल लाए।
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नेतृत्व वो रथ है,जो सबको साथ ले जाए।जो दिशा को थाम सके,वही मंजिल तक ले जाए।
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नेतृत्व में फल पके,जो मेहनत से मिलता जाए।जो साथियों को बांट सके,वही सुख का स्वाद लाए।
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नेतृत्व वो पहेली है,जो समझ से सुलझती जाए।जो धैर्य से इसे खोले,वही सम्मान का मोल पाए।
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नेतृत्व में जोखिम पंछी,उड़े पर पकड़ में न आए।जो हिम्मत से पास बुलाए,वही सुख का रंग सजाए।
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नेतृत्व वो चमक है,जो हिम्मत से लुभाती जाए।जो सबको रोशनी दे,वही सम्मान का ढेर सजाए।
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नेतृत्व की राह नदी,उफनाए तो किनारा न दे।जो दिशा को संभाल सके,वही सुख का मोल ले।
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नेतृत्व वो तालाब है,जो सबको पानी पिलाए।जो संतुलन से भर सके,वही सम्मान का ढेर सजाए।
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नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो नींद से जाग सके,वही सम्मान का मोल कमाए।
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नेतृत्व की राह टेढ़ी,हर मोड़ पर सवाल उठे।जो जवाब ढूंढ ले आए,वही सुख का ढेर भरे।
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नेतृत्व वो चांदनी,जो अंधेरे में रास्ता सजाए।जो हर पल को समझ सके,वही सम्मान का मोल लाए।
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नेतृत्व में बीज बोया,जो मेहनत से फल लाए।जो धैर्य से सींच सके,वही सम्मान का ढेर पाए।
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नेतृत्व वो जोखिम साथी,कभी हंसे, कभी रुलाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सुख का रास्ता पाए।
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नेतृत्व में सेतु जोड़े,सपनों को सच से मिलाए।जो मजबूत नींव बनाए,वही सम्मान का मोल पाए।
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नेतृत्व वो पानी है,जो प्यासों को राहत दे।जो सबको साथ ले चले,वही सुख का रंग लाए।
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नेतृत्व में बारिश बरसे,जो सूखे को हरियाली दे।जो बूंदों को संभाल ले,वही सम्मान का ढेर सजाए।
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नेतृत्व वो चाबी है,जो मुश्किल के ताले खोले।जो सही जगह लगाए,वही सुख का मोल ले।
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नेतृत्व में फूल खिले,जो हिम्मत से सुगंध लाए।जो साहस से संभाल ले,वही सुख का रंग सजाए।
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नेतृत्व वो पेड़ है,जो सबको छाया दे जाए।जो जड़ों को संभाल ले,वही सम्मान का मोल ले।
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नेतृत्व में साया चले,जो हिम्मत से धूप सजाए।जो अपने बल से चल सके,वही सम्मान का ढेर लो।
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नेतृत्व वो तारा है,जो रात में चमकता जाए।जो रास्ता दिखा सके,वही सुख का ढेर सजाए।
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नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सम्मान का मोल लाए।
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नेतृत्व वो रथ है,जो सबको साथ ले जाए।जो दिशा को थाम सके,वही मंजिल तक ले जाए।
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नेतृत्व में फल पके,जो मेहनत से मिलता जाए।जो साथियों को बांट सके,वही सुख का स्वाद लाए।
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नेतृत्व वो पहेली है,जो समझ से सुलझती जाए।जो धैर्य से इसे खोले,वही सम्मान का मोल पाए।
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नेतृत्व में जोखिम पंछी,उड़े पर पकड़ में न आए।जो हिम्मत से पास बुलाए,वही सुख का रंग सजाए।
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नेतृत्व वो चमक है,जो हिम्मत से लुभाती जाए।जो सबको रोशनी दे,वही सम्मान का ढेर सजाए।
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नेतृत्व की राह नदी,उफनाए तो किनारा न दे।जो दिशा को संभाल सके,वही सुख का मोल ले।
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नेतृत्व वो तालाब है,जो सबको पानी पिलाए।जो संतुलन से भर सके,वही सम्मान का ढेर सजाए।
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नेतृत्व में सपना सजे,जो हिम्मत से सच बन जाए।जो नींद से जाग सके,वही सम्मान का मोल कमाए।
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नेतृत्व की राह टेढ़ी,हर मोड़ पर सवाल उठे।जो जवाब ढूंढ ले आए,वही सुख का ढेर भरे।
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नेतृत्व वो चांदनी,जो अंधेरे में रास्ता सजाए।जो हर पल को समझ सके,वही सम्मान का मोल लाए।
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नेतृत्व में बीज बोया,जो मेहनत से फल लाए।जो धैर्य से सींच सके,वही सम्मान का ढेर पाए।
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नेतृत्व वो जोखिम साथी,कभी हंसे, कभी रुलाए।जो संयम से आगे बढ़े,वही सुख का रास्ता पाए।
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नेतृत्व में सेतु जोड़े,सपनों को सच से मिलाए।जो मजबूत नींव बनाए,वही सम्मान का मोल पाए।
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नेतृत्व वो पानी है,जो प्यासों को राहत दे।जो सबको साथ ले चले,वही सुख का रंग लाए।
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नेतृत्व में बारिश बरसे,जो सूखे को हरियाली दे।जो बूंदों को संभाल ले,वही सम्मान का ढेर सजाए।
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नेतृत्व वो चाबी है,जो मुश्किल के ताले खोले।जो सही जगह लगाए,वही सुख का मोल ले।
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नेतृत्व में फूल खिले,जो हिम्मत से सुगंध लाए।जो साहस से संभाल ले,वही सुख का रंग सजाए।
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नेतृत्व वो पेड़ है,जो सबको छाया दे जाए।जो जड़ों को संभाल ले,वही सम्मान का मोल ले।
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नेतृत्व में साया चले,जो हिम्मत से धूप सजाए।जो अपने बल से चल सके,वही सम्मान का ढेर लो।
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नेतृत्व वो तारा है,जो रात में चमकता जाए।जो रास्ता दिखा सके,वही सुख का ढेर सजाए।